डायरिया के अलावा, पेट की ऐसी कई बीमारियाँ हैं जो आपके बच्चों को परेशान कर सकती हैं। उनके बारे में जागरूक होना उनका बेहतर इलाज करने में मदद करेगा।
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बच्चों में डायरिया
जब बात आपके बच्चे के पेट की आती है, तो संतुलन बनाए रखना बेहद ज़रूरी होता है। बच्चे के पेट में बैक्टीरिया का संतुलन बिगड़ने पर उसे डायरिया जैसी समस्याएं हो सकती हैं। अत्यधिक डायरिया तकलीफ़देह ही नहीं; बल्कि आपके बच्चे के विकास की रफ़्तार को धीमा कर सकता है और अन्य इंफेक्शन के जोखिम को बढ़ा सकता है।1
बच्चों मे डायरिया की पहचान
माता-पिता होने के नाते, आपको हर छोटी-मोठी चीज़ों पर ध्यान देना पड़ता है, आपके बच्चे की शौच की आदतों पर भी। जब डायरिया की बात आती है, तो टॉयलेट जाने की तीव्र इच्छा और बारम्बारता पर ध्यान देना ज़रूरी होता है। पेट ख़राब होने पर आप बच्चे में नीचे दिए गए लक्षण देख सकते हैं।शौचालय जाने की तीव्र इच्छा:
डायरिया में पतले, पानी जैसे मल त्याग के कारण बच्चे को बार-बार शौचालय जाना पड़ सकता है।
बुखार:
अगर डायरिया के साथ-साथ बच्चे को बुखार भी चढ़ा हुआ हो, तो यह वायरल इंफेक्शन का संकेत हो सकता है। अपने बच्चे का तापमान चेक करते रहें और बुखार ज़्यादा होने पर डॉक्टर को सूचित करें।
बच्चों में डायरिया के कारण
डायरिया के कारण का पता लगाना मुश्किल हो सकता है। कुछ सामान्य कारक नीचे दिए गए हैं जिनकी वज़ह से बच्चे का पेट ख़राब हो सकता है।इंफेक्शन: मुँह, नाक द्वारा बैक्टीरियल और वायरल इंफेक्शन्स शरीर में प्रवेश कर सकते हैं... जिससे पेट ख़राब हो सकता है5।
विशेष आहार ना पचा पाना: कुछ बच्चों को किसी विशेष आहार को पचाने में मुश्किल होती है, जिसके परिणामस्वरूप डायरिया हो सकता है। ऐसे आहारों से दूरी बनाएं जो लक्षणों को बिगाड़ सकते हैं6।
परजीवी: परजीवी दूषित भोजन या पानी और कभी-कभी गड्ढों या स्विमिंग पूल जैसी जगहों पर पाए जा सकते हैं। शरीर में प्रवेश करने पर यह पेट की समस्याएं उत्पन्न कर सकते हैं।
उन्हें वापस ठीक कैसे किया जाए
पाचन तंत्र चाहे कितना भी स्वस्थ हो पर डायरिया होने पर ढीला पड़ जाता है। जब आपके बच्चे का पेट ख़राब हो, तो आराम के लिए कई प्रकार के नुस्ख़े आज़माना ज़रूरी हो जाता है। पर अगर लक्षण बने रहें या बिगड़ जाएं, तो डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।तरह-तरह के तरल पदार्थ दें
डायरिया की वज़ह से अक्सर शरीर में पानी की कमी हो जाती है, तो अपने बच्चे को प्रचुर मात्रा में तरल पदार्थ पीने के लिए प्रोत्साहित करें। अगर बच्चा सादा पानी नहीं पीता, तो उसे नारियल पानी या पतले सेब का रस या ORS पिलाएं ताकि फ्लूइड्स और इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी की पूर्ति हो जाए8।
सादा आहार खिलाएं
डायरिया होने पर सादा आहार जैसे चावल, क्रैकर्स, पास्ता और मसले हुए आलू खिलाएं। इस प्रकार के सौम्य आहार, डायरिया के लक्षणों को कम कर सकते हैं9।
टॉयलेट के चक्करों पर ध्यान दें
ध्यान दें कि बच्चा कितनी बार टॉयलेट जा रहा है और देखें कि इन चक्करों में कमी आ रही है या बढ़ रहे हैं। यह पता लगाने का सबसे आसान तरीका है कि राहत के उपायों से परिणाम मिल भी रहा है या नहीं10।
प्रोबायोटिक्स दें
अच्छी क्वॉलिटी का प्रोबायोटिक, आपके बच्चे के पेट में बैक्टीरिया के संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है11।
बच्चों में डायरिया की रोकथाम के लिए मार्गदर्शिका
बच्चों को डायरिया होना एक आम समस्या है जो अचानक कभी भी हो सकती है और आपके रोज़मर्रा के जीवन को अस्त-व्यस्त कर सकती है। इसकी रोकथाम करने और अपने बच्चे को स्वस्थ रखने के लिए व्यवहारिक उपाय अपनाना ज़रूरी है। यहाँ कुछ प्रभावशाली सुझाव दिए गए हैं।
अच्छी क्वॉलिटी का प्रोबायोटिक चुनें:
अपने परिवार की दैनिक दिनचर्या में अच्छी क्वॉलिटी का प्रोबायोटिक शामिल करें। प्रोबायोटिक्स पेट के बैक्टीरिया के स्वस्थ संतुलन को बनाए रखने में मदद कर सकते हैं12।
हाथ धोने को आदत बनाएं:
ख़ासतौर पर खाने से पहले, नियमित रूप से हाथ धोने की आदत अपनाएं। इस आसान कदम से हानिकारक बैक्टीरिया कौसों दूर और आपका बच्चे का पेट स्वस्थ रहेगा13।
पौष्टिक आहार का सेवन करें:
फलों, सब्जियों और साबुत अनाज युक्त संतुलित आहार लें। पेट ख़राब करने वाले मीठे खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों का सेवन कम करें14।
खाने से होने वाली एलर्जी पर नज़र रखें:
ध्यान दें कि कहीं किसी ख़ास आहार को खाने के बाद आपके बच्चे को एलर्जी तो नहीं हो रही है। ऐसे ऐलर्जी पैदा करने वाले आहारों को डायरी में लिखें, जिससे भविष्य में ऐसी समस्याओं को दूर रखा जा सकता है15।
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बच्चों में पेट दर्द और बेचैनी
बच्चों में पेट दर्द और बेचैनी कई रूप ले सकती है, जो पेट ख़राब होने का संकेत देते हैं। पेट में हल्का-फुल्का दर्द हो, फूलन हो या कोई गंभीर समस्या हो, इन संकेतों को समझना ज़रूरी है। पेट दर्द के प्रकार और कारणों को पहचानने के द्वारा माता-पिता इसे नियंत्रित करने के सही कदम उठा सकते हैं और भविष्य में ऐसी समस्याओं से निजात पा सकते हैं।
पेद दर्द और बेचैनी को पहचानना
पेट दर्द, कई प्रकार का हो सकता है, हर प्रकार के दर्द का कारण अलग होता है जिसके लिए ख़ास देखभाल ज़रूरी है। लक्षणों को पहचानना और सटीक निदान के लिए डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक है:
एक ही जगह पर दर्द:
किसी विशेष अंग, जैसे पेट या अपेंडिक्स में समस्या की वज़ह से अक्सर एक ही जगह पर दर्द होता है1।
ऐंठन:
पेट में ऐंठन आमतौर पर पेट में फूलन या शौच की आदतों में बदलाव से होती है। ऐंठन में दर्द अचानक कभी भी हो सकता है2।
तीव्र दर्द:
गैस्ट्रोएंटेराइटिस या आंत्र रुकावट जैसी स्थितियों की वज़ह से अक्सर पेट में तीव्र ऐंठन होती है3।
बच्चों में पेट दर्द के कारण
बच्चों में पेट दर्द के कई कारण हो सकते हैं, इन कारणों का पता लगाना राहत पाने की दिशा में पहला कदम है:गैस्ट्रोएंटेराइटिस: अक्सर वायरल या बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण होता है, जिससे उल्टी, डायरिया और पेट में ऐंठन होती है4।
कब्ज़: मल त्याग में कठिनाई के कारण पेट में दर्द या फूलन हो सकती है। ऐसा अक्सर फाइबर युक्त आहार और तरल पदार्थ के सेवन में कमी के कारण होता है5।
विशेष आहार ना पचा पाना या एलर्जी: कुछ आहारों की वज़ह से एलर्जी होती है जिससे पेट में दर्द और फूलन की शिकायत आती है जैसे लैक्टोज या ग्लूटेन ना पचा पाना6।
लगातार पेट दर्द: बिना किसी चिकित्सीय कारण के बार-बार होने वाला पेट दर्द अक्सर तनाव या चिंता से संबंधित होता है7।
उन्हें वापस ठीक कैसे किया जाए
पेट दर्द, बच्चे के दैनिक जीवन को अस्त-व्यस्त कर सकता है। दर्द से राहत के कुछ सरल उपाय यहाँ दिए गए हैं:सौम्य आहार
आसानी से पचाने योग्य आहार जैसे केला, चावल और टोस्ट दें। भारी, मसालेदार या तला हुआ, चिकनाई वाले आहार से लक्षण बिगड़ सकते हैं।
प्रोबायोटिक्स दें
अच्छी क्वॉविटी का प्रोबायोटिक, पेट में बैक्टीरिया के संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है और दर्द व बेचैनी के एहसास को कम करता है8।
हाइड्रेटेड रहें
ख़ासतौर पर डायरिया के दौरान, शरीर में पानी की कमी से बचने के लिए खूब पानी पीएं4।
आराम
बच्चे को आराम करने दें, इससे उसके शरीर को हल्की-फुल्की पेट की समस्याओं से उभरने में मदद मिलती है9।
पेट दर्द की रोकथाम के लिए मार्गदर्शिका
कुछ अच्छी आदतों को अपनाने के द्वारा, आप भविष्य में अपने बच्चे को पेट की समस्याओं से सुरक्षित रख सकते हैं:
संतुलित आहार:
पाचन में सहायक फल, सब्जियां और साबूत अनाज युक्त आहार का सेवन करें5।
हाइड्रेटेड रहें:
कब्ज़ की रोकथाम के लिए सुनिश्चित करें कि बच्चा दिन भर पर्याप्त पानी पीए4।
नियमित व्यायाम:
शरीरिक गतिविधि के लिए प्रोत्साहित करें, इससे पाचन क्रिया बेहतर और कब्ज़ की रोकथाम होती है5।
साफ़-सफ़ाई बनाए रखना:
हानिकारक बैक्टीरिया से बचने के लिए अपने बच्चे को खाने से पहले हाथ धोने की आदत सिखाएं4।
प्रोबायोटिक्स लें:
अच्छी क्वॉलिटी का प्रोबायोटिक, पेट में बैक्टीरिया के संतुलन को बनाए रखता है और ऐंठन व बेचैनी की संभावना को कम करता है8।
तनाव का ख़याल रखें:
गहरी सांस लेना या योगा का अभ्यास करने से तनाव कम होता है, जो पेट दर्द का सामान्य कारण होता है9,10।
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Bibliography
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बच्चों में धीमी पाचन क्रिया
बच्चों में लेज़ी गट सिंड्रोम पेट की एक आम समस्या है जहाँ पाचन क्रिया धीमी और मल त्याग अनियमित होता है। इस स्थिति के कारण कब्ज़, पेट में दर्द और बेचैनी जैसे लक्षण सामने आ सकते हैं। इस सिंड्रोम के लक्षणों को पहचानना और समझना उन माता-पिता के लिए बेहद ज़रूरी है जो अपने बच्चों को पेट की समस्याओं से राहत और उनके पाचन तंत्र को स्वस्थ बनाए रखना चाहते हैं।
लेज़ी गट सिंड्रोम को पहचानना
बच्चे का पेट ठीक ना होने पर उनमें नीचे दिए गए सामान्य लक्षण नज़र आ सकते हैं। अगर बच्चा इन तीनों लक्षणों से पीड़ित है, तो यह लेज़ी गट सिंड्रोम (धीमी पाचन क्रिया) की ओर इशारा करता है, पर सटीक निदान के लिए अपने डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक है:
अनियमित मल त्याग:
कब्ज़ एक प्रमुख लक्षण है। अगर आपके बच्चे को सामान्य से कम बार मल त्याग हो रहा है और मल कभी पतला तो कभी कठोर हो जाता है, तो यह कमज़ोर पाचन तंत्र की निशानी है2।
पेट में फूलन और दर्द:
पाचन क्रिया धीमी होने पर, पेट में गैस बनती है और फूलन की वज़ह से पीड़ा का एहसास होता है3।
बेचैनी:
धीमी पाचन क्रिया के कारण शरीर में पानी की कमी हो सकती है, जिससे आपका बच्चा बेचैनी महसूस कर सकता है4।
लेज़ी गट (धीमी पाचन क्रिया) के कारण
बच्चों में लेज़ी गट (धीमी पाचन क्रिया) का क्या कारण हैं? कुछ सामान्य कारण यहाँ दिए गए हैं:आँतों में ब्लोकेज: आपके बच्चे का पेट आमतौर पर मल का त्याग आसानी से करता है, पर आँतों में ब्लोकेज के कारण उसे कब्ज़ हो सकती है5।
खाने-पीने की गलत आदतें: आहार में फाइबर की कमी और प्रोसेस्ड आहार का अधिक सेवन, लेज़ी गट सिंड्रोम (धीमी पाचन क्रिया) का कारण बनता है। इसीलिए संतुलित आहार को प्राथमिकता देना बेहद ज़रूरी है6।
असक्रिय जीवनशैली: शारीरिक गतिविधि की कमी से पेट में गतिशीलता कम हो सकती है, जिससे पाचन क्रिया धीमी हो सकती है7।
तनाव और चिंता: तनाव का कारण स्कूल हो या कुछ और, अत्यधिक तनाव से पेट की कार्यप्रणाली पर असर पड़ता है जिससे कब्ज़ या पेट में फूलन जैसे लक्षण सामने आ सकते हैं8।
अंदरूनी बीमारी: इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS) और हाइपोथायरायडिज्म जैसी स्थितियां पेट की गतिशीलता को प्रभावित करके पाचन क्रिया को धीमा कर सकती हैं9।
उन्हें वापस ठीक कैसे किया जाए
बच्चों में लेज़ी गट सिंड्रोम (धीमी पाचन क्रिया) की समस्या लंबे समय तक बनी रह सकती है, पर इसके लक्षणों से राहत पाने के लिए यहाँ कुछ सुझाव दिए गए हैं:फाइबर का संतुलन
पेट के लिए फाइबर ज़रूरी होता है, पर ज़्यादा सेवन से पाचन क्रिया और धीमी पड़ सकती है। बच्चे को मांस, डेयरी और बिना छिलके वाले फल और सब्जियों से युक्त संतुलित आहार दें, क्योंकि कभी-कभी कम फाइबर ज़्यादा असरदार होता है6।
हाइड्रेटेड रहें:
अपने बच्चे को भरपूर पानी पीने के लिए प्रोत्साहित करें ताकि उसका पाचन तंत्र सही तरह से काम करे। सर्वोत्तम परिणामों के लिए कैफीनयुक्त और चीनी युक्त पेय पदार्थों का सेवन सीमित करें3।
चलते-फिरते रहें:
नियमित व्यायाम से पाचन क्रिया बेहतर होती है। खाने के बाद थोड़ा बहुत टहलने से भी पेट की गतिशीलता पर अच्छा प्रभाव पड़ता है7।
प्रोबायोटिक सप्लीमेंट्स लें:
बच्चे को आहार के साथ-साथ प्रतिदिन प्रोबायोटिक्स देना शुरू करें, इससे पेट में बैक्टीरिया का अच्छा संतुलन बना रहेगा, पाचन क्रिया में सुधार होगा और लक्षणों का असर कम होगा6,10।
लेज़ी गट (धीमी पाचन क्रिया) की रोकथाम के लिए मार्गदर्शिका
कब्ज़ की रोकथाम ही सबसे अच्छा तरीका है। आपके बच्चे के पेट को स्वस्थ बनाए रखने के कुछ उपाय नीचे दिए गए गए हैं:
प्रोबायोटिक सप्लीमेंट्स लें:
अपने डॉक्टर की सलाह पर अपने बच्चे को प्रोबायोटिक्स देना शुरू करें, इससे पेट में बैक्टीरिया के स्वस्थ संतुलन को बनाए रखने में मदद मिलती है और पाचन क्षमता बेहतर होती है10।
संतुलित आहार लें:
आहार में विभिन्न प्रकार के संपूर्ण खाद्य पदार्थ शामिल करें जैसे फल, सब्ज़ियाँ, लीन प्रोटीन और साबुत अनाज। प्रोसेस्ड आहार का ज़्यादा सेवन करने से पाचन क्रिया धीमा हो सकती है6।
खाने को अच्छी तरह चबाकर खाएं:
अपने बच्चे को आराम से खाना खाने के लिए प्रोत्साहित करें, क्योंकि खाने को अच्छी तरह चबाने से पाचन क्षमता में सुधार होता है और पेट व आंतों पर कम दबाव पड़ता है5।
शारीरिक रूप से सक्रिय रहें:
नियमित व्यायाम, टहलना या बाहर खेलने जैसी हल्की गतिविधियों से भी मल त्याग बेहतर होता है और पेट समग्र रूप से स्वस्थ रहता है7।
नियमित रूप से पानी पिएं:
सुनिश्चित करें कि आपका बच्चा दिन भर भरपूर पानी पीए, इससे पाचन क्षमता बेहतर और कब्ज़ की रोकथाम होगी। पानी को उसका मनपसंद पेय बनाएं3।
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बच्चों में पेट की फूलन
बच्चों में पेट की फूलन एक आम समस्या है जिससे पेट में सूजन और असुविधा महसूस होती है, अक्सर इसका कारण पेट में गैस बनना होता है। ऐसे में बच्चे दिन भर पेट "भरा-भरा" या "कसा हुआ" महसूस कर सकते हैं1।
पेट की फूलन का पता लगाना
बच्चों में अक्सर पेट में फूलन के साथ-साथ इनमें से कुछ लक्षण देखे जा सकते हैं:
पेट दर्द:
गैस बनने से पेट में दर्द और बेचैनी का अनुभव हो सकता है, जिससे दैनिक गतिविधियों को पूरा करने में आपके बच्चे को दिक्कत हो सकती है1।
कब्ज़ या डायरिया:
कब्ज़ के कारण पेट में फूलन हो सकती है, जिसमें मल त्याग बहुत धीरे-धीरे होता है, या फिर इसका कारण डायरिया भी हो सकता है, जो पेट में बैक्टीरिया के असंतुलन की वज़ह से होता है2।
बेचैनी और सीने में जलन:
पेट में फूलन से बेचैनी या सीने में जलन महसूस हो सकती है, ख़ासतौर पर ऐसे भोजन के बाद जिसे आपके बच्चे के पेट को पचाने में मुश्किल हो रही हो3।
पेट में फूलन के कारण
बच्चों में पेट के फूलन के कई कारण हो सकते हैं, और अक्सर ऐसा ज़्यादा खाने की वज़ह से नहीं होता। कुछ आम कारणों में शामिल हैं:पेट में गैस बनना: खाद्य पदार्थ जैसे बीन्स, ब्रोकोली और सोडायुक्त पेय से पेट में गैस बन सकती है, जिससे पेट में दर्द और फूलन हो सकती है4।
पेट में बैक्टीरिया का असंतुलन: पेट में बैक्टीरिया के असंतुलन से पेट में फूलन हो सकती है और जैसे-जैसे दिन बीतता है यह फूलन और भी बढ़ जाती है, साथ ही कब्ज़ या दस्त जैसी पेट की समस्याएं भी हो सकती हैं5।
कब्ज़: जब आँतों से मल धीरे-धीरे गुज़रता है, तब बैक्टीरिया को गैस बनाने के लिए अधिक समय मिल जाता है, नतीजन पेट में फूलन होती है6।
तनाव: स्कूल, सामाजिक परिस्थितियों या दिनचर्या में बदलाव की वज़ह से होने वाला उच्च तनाव, पेट में फूलन पैदा कर सकता है, विशेष रूप से पेट के निचले हिस्से में।
अंदरूनी बीमारी: अक्सर पेट फूलना, इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS) या विशेष आहार को ना पचा पाना जैसी समस्याओं का संकेत हो सकता है। सही इलाज और मार्गदर्शन के लिए डॉक्टर से सलाह लें।
उन्हें वापस ठीक कैसे किया जाए
बच्चों में पेट फूलन की समस्या सामान्य लग सकती है, पर यह पेट का ख़याल रखने की ओर इशारा करता है। बेचैनी से राहत पाने के लिए यहाँ कुछ कारगर उपाय दिए गए हैं:
प्रोबायोटिक्स लें:
अच्छी क्वॉलिटी के प्रोबायोटिक्स, पेट में बैक्टीरिया के संतुलन बनाए रखने, पाचन क्षमता सुधारने और पेट की फूलन को कम करने में मदद कर सकते हैं। अपने बच्चे के आहार में दही जैसे प्रोबायोटिक युक्त खाद्य पदार्थ शामिल करना फायदेमंद साबित हो सकता है9।
एक्टिव रहें:
पाचन क्षमता को बेहतर बनाने और फंसी हुई गैस से राहत पाने के लिए नियमित शारीरिक गतिविधि को प्रोत्साहित करें, जैसे बाहर खेलना या सैर पर जाना।
पेट की मालिश:
अपने बच्चे के पेट पर घड़ी की दिशा में धीरे-धीरे मालिश करने से आंतों में हलचल को बढ़ावा मिलता है, जिससे पेट की फूलन कम हो जाती है11।
भोजन का ख़याल रखें:
कम मात्रा में संतुलित आहार दें और अपने बच्चे को दिन भर में खूब पानी पीने के लिए प्रोत्साहित करें। फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ शामिल करने से पाचन तंत्र स्वस्थ रहता है12।
तनाव कम करें:
अपने बच्चे को विश्राम तकनीक, जैसे गहरी साँस लेने के व्यायाम या योगा द्वारा तनाव को नियंत्रण में रखने में मदद करें, ताकि उसका पेट स्वस्थ रहे7।
पेट में फूलन की रोकथाम के लिए मार्गदर्शिका
आपके बच्चे के जीवन में पेट में फूलन की समस्या आम नहीं होना चाहिए। इससे समझौता करने की बजाय, आप इसे प्रभावी रूप से नियंत्रित करने और रोकथाम के लिए कदम उठा सकते हैं:
प्रोबायोटिक्स लें:
अपने डॉक्टर की सलाह लेने के बाद अपने बच्चे को अच्छी क्वॉलिटी का प्रोबायोटिक देना शुरू करें, इससे पेट में बैक्टीरिया के स्वस्थ संतुलन को बनाए रखने में मदद मिलती है और पेट की फूलन से छुटकारा मिलता है10।
नियमित आहार लें और हल्के आहार चुनें:
समय-समय पर खाना खिलाना और कम किण्वनशील कार्बोहाइड्रेट युक्त आहार देना, इससे पेट में गैस और फूलन की समस्या कम हो सकती है12।
हाइड्रेटेड रहें:
बच्चे को खूब पानी पीने के लिए प्रोत्साहित करें, क्योंकि इससे पाचन में सहायता मिलती है। कार्बोनेटेड पेय पदार्थों का सेवन कम करने से भी पेट की गैस से राहत मिल सकती है4।
तनाव का ख़याल रखें:
तनाव से संबंधित पेट की समस्याओं से राहत पाने के लिए गहरी साँस लेना या योगा जैसी विश्राम तकनीकों का अभ्यास करें7।
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बच्चों में खराब पाचन
"खराब पाचन आपके बच्चे के रोज़मर्रा के जीवन को प्रभावित कर सकता है, जो अक्सर पेट फूलना, गैस और पेट में असहजता1 के रूप में दिखता है। खाने की आदतों से लेकर तनाव तक, कई कारण पाचन संबंधी2 समस्याओं का कारण बन सकते हैं। आइए जानें कि बच्चों में खराब पाचन का यह अनुभव कैसा होता है!
खराब पाचन की पहचान
पने बच्चे में खराब पाचन के लक्षण पहचानना आपको समस्या को जल्दी दूर करने में मदद कर सकता है। यहाँ ध्यान देने योग्य संकेत दिए गए हैं
मल त्याग की आदतों में बदलाव:
आपका बच्चा कब्ज़ या अनियमित मल त्याग का अनुभव कर सकता है, जो काफ़ी परेशान करने वाला हो सकता है।6
खराब पाचन के कारण
"यह समझना कि आपके बच्चे की पाचन समस्याओं को क्या ट्रिगर करता है, बेहद ज़रूरी है। आम कारण इस प्रकार हैं:
खराब आहार: बहुत अधिक मीठा, तैलीय या प्रोसेस्ड भोजन खाने से पाचन तंत्र पर असर पड़ सकता है और असहजता हो सकती है7
भोजन असहिष्णुता: कुछ बच्चों को लैक्टोज़ असहिष्णुता या ग्लूटेन सेंसिटिविटी हो सकती है, जिससे कुछ खाद्य पदार्थ खाने पर पेट फूलना और गैस हो सकती है8
तनाव और चिंता: भावनात्मक तनाव, चाहे वह स्कूल से जुड़ा हो या सामाजिक परिस्थितियों से, पाचन में बाधा डाल सकता है और असहजता का कारण बन सकता है9
फाइबर की कमी: कम फाइबर वाला आहार कब्ज़ का कारण बन सकता है, जबकि अचानक अधिक फाइबर लेने से गैस और पेट फूलने की समस्या हो सकती है10
निर्जलीकरण: पर्याप्त पानी न पीने से पाचन धीमा हो सकता है, जिससे कब्ज़ और असहजता की समस्या हो सकती है
पाचन को फिर से ठीक करने के तरीके
अगर आपका बच्चा खराब पाचन से परेशान है, तो उसे बेहतर महसूस कराने में मदद के लिए इन व्यावहारिक सुझावों पर ध्यान दें:
हाइड्रेटेड रहें:
अपने बच्चे को दिन भर पर्याप्त पानी पीने के लिए प्रोत्साहित करें, ताकि पाचन में मदद मिले और कब्ज़ से बचा जा सके11
फाइबर को धीरे-धीरे शामिल करें:
उनके आहार में फाइबर युक्त भोजन जैसे फल, सब्ज़ियाँ और साबुत अनाज शामिल करें, लेकिन धीरे-धीरे ताकि गैस की समस्या न हो 10
ध्यानपूर्वक भोजन करना सिखाएँ:
अपने बच्चे को भोजन के दौरान धीरे-धीरे खाने और खाने को अच्छी तरह चबाने की आदत डालें, ताकि पाचन सही ढंग से हो सके12
ट्रिगर फूड्स को सीमित करें:
उन खाद्य पदार्थों की पहचान करने में मदद करें जो उनके लक्षण बढ़ाते हैं, जैसे डेयरी, ग्लूटेन या अधिक तैलीय भोजन8
तनाव प्रबंधित करें:
तनाव कम करने के लिए रिलैक्सेशन तकनीकें अपनाएँ, जैसे गहरी साँस लेना या शांत समय बिताना, ताकि पाचन बेहतर हो सके9
आपके बच्चे के लिए खराब पाचन से बचाव मार्गदर्शिका
खराब पाचन को रोकना ठीक करने से आसान है! अपने बच्चे के पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने के लिए ये कुछ सुझाव अपनाएँ
संतुलित आहार बनाएँ:
ऐसे आहार पर ध्यान दें जिसमें फल, सब्ज़ियाँ, साबुत अनाज और कम वसा वाले प्रोटीन शामिल हों7
सक्रिय रहें:
पाचन को सक्रिय करने और कब्ज़ से बचाने के लिए अपने बच्चे को नियमित शारीरिक गतिविधियों के लिए प्रोत्साहित करें, जैसे बाहर खेलना या साइकिल चलाना13
अपने शरीर की सुनें:
अपने बच्चे को सिखाएँ कि वह ध्यान दे कि विभिन्न खाद्य पदार्थ उनके शरीर पर कैसे असर डालते हैं और उसी अनुसार बदलाव करें12
हाइड्रेटेड रहें:
अपने बच्चे को दिन भर पर्याप्त पानी पीने की याद दिलाएँ, ताकि पाचन स्वास्थ्य बेहतर रहे11
प्रोबायोटिक्स पर विचार करें:
एक उच्च गुणवत्ता वाला प्रोबायोटिक स्वस्थ गट माइक्रोबायोम को बढ़ावा दे सकता है, पाचन में मदद करता है और असहजता को कम करता है14
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बच्चों में इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS)
इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS) एक आम पाचन समस्या है जो आपके बच्चे के जीवन की गुणवत्ता को बुरी तरह से प्रभावित कर सकती है1। इसमें पेट में ऐंठन, दर्द, फूलन, गैस और शौच की आदतों में बदलाव जैसे लक्षण सामने आ सकते हैं, IBS बच्चों को निराश और असहज महसूस करा सकता है2। राहत के लिए IBS को समझना और इसे नियंत्रण में रखने के तरीकों के बारे में जानना बेहद ज़रूरी है।
इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS) की पहचान
अपने बच्चे में IBS के लक्षणों को पता लगाना सही देखभाल के लिए ज़रूरी है। इन बातों पर ध्यान दें:
पेट दर्द:
पेट में बार-बार दर्द या ऐंठन इसके मुख्य लक्षण हैं और आमतौर पर शौच के बाद आराम मिल जाता है2।
शौच की आदतें बदलना:
बारी-बारी से कब्ज़ और डायरिया होना इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS) का संकेत हो सकता है, कुछ बच्चों में एक लक्षण की तुलना में दूसरा लक्षण ज़्यादा देखा जा सकता है4।
खाने से उत्पन्न लक्षण:
कुछ प्रकार के आहार लक्षणों को और बिगाड़ सकते हैं, इसलिए उनका पता लगाना और उनसे दूरी रखना ज़रूरी है6।
इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS) के कारण
इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS) का सटीक कारण अभी भी स्पष्ट नहीं है, पर इसके कई कारक हो सकते हैं:
आँत की गतिशीलता संबंधी समस्याएं: आँतों के असामान्य संकुचन से IBS के लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं, या तो बहुत तेज़ (जिससे डायरिया हो सकता है) या बहुत धीमी (जिससे कब्ज़ हो सकता है)7।
खाने से एलर्जी: IBS से पीड़ित कई बच्चों को विशेष खाद्य पदार्थों, जैसे डेयरी या ग्लूटेन, से एलर्जी होती है, जो लक्षणों को और बिगाड़ सकते हैं8।
तनाव और मानसिक स्वास्थ्य: भावनात्मक तनाव, चिंता और परेशानी के कारण IBS के लक्षण और बिगड़ सकते हैं। मस्तिष्क और पेट के बीच का संबंध पाचन स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है9।
हार्मोन में परिवर्तन: बड़े बच्चों में यह एक आम समस्या है, पर विशेष तौर पर लड़कियों के हार्मोन में परिवर्तन होने पर IBS हो सकता है10।
पेट में बैक्टीरिया का असंतुलन: पेट में बैक्टीरिया के असंतुलन से भी IBS हो सकता है, जिससे पाचन तंत्र पर प्रभाव पड़ता है और फूलन हो सकती है11।
इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS) पर नियंत्रण
फिलहाल IBS के लिए कोई विशेष समाधान नहीं है, फिर भी कई तरीकों से लक्षणों को प्रभावी रूप से नियंत्रित किया जा सकता है:
लक्षण बिगाड़ने वाले आहार की पहचान
एक डायरी में वह आहार लिखें जिसे आपका बच्चा खाता है और ऐसे आहारों का पता लगाएं जिनके खाने से लक्षण सामने आते हैं। आम तौर पर इन खाद्य पदार्थों में डेयरी उत्पाद, ग्लूटेन और कुछ फल और सब्ज़ियां शामिल हैं12।
लो-FODMAP आहार दें
डॉक्टर से मिलकर लो-FODMAP आहार पर विचार करें, जिसमें पेट में फूलन और दर्द पैदा करने वाले विशेष किण्वनीय कार्बोहाइड्रेट नहीं होते।
हाइड्रेटेड रहें
नियमित मल त्याग और समग्र पाचन स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए अपने बच्चे को खूब पानी पीने के लिए प्रोत्साहित करें14।
नियमित रूप से व्यायाम
शारीरिक गतिविधि आँतों की गतिशीलता में सुधार कर सकती है और तनाव के स्तर को कम कर सकती है, जिससे IBS के लक्षणों से राहत मिलती है15।
तनाव पर नियंत्रण
ध्यान लगाना, गहरी साँस लेना और हल्के व्यायाम जैसी तकनीकें तनाव को कम कर सकती हैं और आपके बच्चे के समग्र स्वास्थ्य में सुधार ला सकती हैं16।
IBS की रोकथाम के लिए मार्गदर्शिका
हालांकि IBS का नियंत्रण काफी मुश्किल हो सकता है, फिर भी आप इसके लक्षणों से राहत पाने के लिए कुछ कदम उठा सकते हैं।
संतुलित आहार दें:
फाइबर, साबुत अनाज, लीन प्रोटीन और भरपूर मात्रा में फल और सब्जियों से युक्त आहार पर ध्यान केंद्रित करें, साथ ही लक्षण बिगाड़ने वाले आहारों से सावधान रहें17।
एक्टिव रहें:
पाचन क्षमता को बेहतर बनाने और तनाव को नियंत्रण में रखने के लिए नियमित रूप से व्यायाम करना ज़रूरी है15।
आराम से खाना सिखाएं:
अपने बच्चे को सिखाएं कि वह धीरे-धीरे खाए, खाने को अच्छी तरह चबाए और ज़रूरत से ज़्यादा ना खाए ताकि उसका पाचन तंत्र बेहतर रूप से काम कर सके18।
प्रोबायोटिक्स:
अच्छी क्वॉलिटी का प्रोबायोटिक, पेट में लाभकारी बैक्टीरिया के संतुलन को बनाए रखने और कुछ बच्चों में लक्षणों से राहत पाने में मदद कर सकता है19।
प्रोबायोटिक्स:
अच्छी क्वॉलिटी का प्रोबायोटिक, पेट में लाभकारी बैक्टीरिया के संतुलन को बनाए रखने और कुछ बच्चों में लक्षणों से राहत पाने में मदद कर सकता है19।
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