एंटरोजर्मिना - बच्चों के लिए डायरिया की सही दवा
बच्चों में डायरिया एक बहुत ही आम समस्या/स्थिति है। बड़ों की तुलना में बच्चों का पेट विभिन्न प्रकार के बैक्टीरिया के प्रति ज़्यादा संवेदनशील होता है। उनकी दैनिक गतिविधियाँ, उन्हें 1000 से भी अधिक बैक्टीरिया के संपर्क में लाती हैं। जबकि, कुछ बैक्टीरिया उनके पेट में पहले से ही मौज़ूद होते हैं, पर पेट में अच्छे बैक्टीरिया और हानिकारक बैक्टीरिया के सही संतुलन को आदर्श माना जाता है क्योंकि यही संतुलन ही बच्चों को इम्युनिटी प्रदान करता है। और एंटरोजर्मिना पेट में इसी संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है।
पर कभी-कभी पेट में हानिकारक बैक्टीरिया की संख्या बढ़ने से शरीर पर बुरा असर पड़ता है जो अक्सर डायरिया का रूप ले लेता है। हम जानते हैं कि आजकल के बच्चों की खाने-पीने की आदतें काफी आपत्तिजनक हैं! उन्हें हमेशा जंक फूड ही पसंद आते हैं। इसके बावज़ूद, बच्चे तो आखिर बच्चे ही होते हैं, वह बाहर खेलने जाते हैं और अस्वस्थ चीज़ों के संपर्क में आ जाते हैं। खाने से रिएक्शन और इंफेक्शन, इन दो कारणों के अलावा भी, ऐसे कई कारण हैं जिनसे बच्चों में डायरिया होने की संभावना बनी रहती है।
डायरिया के कारण:
- इंफेक्शन
आमतौर पर, इंफेक्शन पैदा करने वाले हानिकारक बैक्टीरिया या वायरस के विरुद्ध सुरक्षा कवच के तौर पर पेट में पर्याप्त “गट फ्लोरा“ मौज़ूद होता है। लेकिन, कभी-कभी, इन हानिकारक बैक्टीरिया की संख्या बढ़ सकती है, नतीजन डायरिया हो सकता है - कोई विशेष आहार ना पचा पाना
कुछ बच्चों को लैक्टोज़ या आर्टिफिशियल स्वीटनर्स, या सही से ना पकाए गए या गलत तरीके से स्टोर किए गए खाने को पचाने में मुश्किल होती है, जिससे उनमें डायरिया की संभावना बढ़ जाती है - सफ़र
बच्चों का पाचन तंत्र संवेदनशील होता है। मौसम, पानी, आहार या स्थान में परिवर्तन से उन्हें डायरिया हो सकता है, हालाँकि यह सभी परिवर्तन काफी आम होते हैं जिन्हें सफ़र करते समय या छुट्टियों के दौरान टाला नहीं जा सकता - मौसमी परिवर्तन
जब भी हमारे शरीर को तापमान, दबाव या प्रकाश में बदलाव का सामना करना पड़ता है, तब उसे उस परिवर्तन का आदि होना पड़ता है। यह मौसमी परिवर्तन आपके बच्चे के इम्यून सिस्टम को कमज़ोर कर देता है और उसे और ज़्यादा संवेदनशील बना देता है - एंटीबायोटिक्स
कई बीमारियों के इलाज में आमतौर पर इस्तेमाल किए जाने वाली एंटीबायोटिक दवाओं की वजह से भी कभी-कभी बच्चों को डायरिया हो सकता है
डायरिया होने पर बच्चा आमतौर पर बहुत थका हुआ महसूस करता है और उसे कुछ भी खाने-पीने का मन नहीं करता। ऐसे में, बच्चे के लिए सही दवा का चयन माँ के लिए चिंता का विषय बन जाता है।
एंटरोजर्मिना, डायरिया को प्रभावशाली रूप से नियंत्रित करता है और पेट में बैक्टीरिया के संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है। जब आपके बच्चे में डायरिया के लक्षण दिखाई देने लगें, तो डॉक्टर की सलाह अनुसार, उसे एंटरोजर्मिना की एक खुराक दें।
एंटरोजर्मिना ही क्यों? क्योंकि यह सुगंध-रहित, स्वाद-रहित और रंगहीन है, यानी इसे आसानी से किसी तरल में मिलाकर या ऐसे ही बच्चे को पिलाया जा सकता है। इतना ही नहीं, यह दुनिया का नंबर 1 प्रोबायोटिक और पीडियाट्रिशियन की नंबर 1 पसंद भी है जिसमें लैक्टोज़, चीनी या ग्लूटेन नहीं है। एंटरोजर्मिना एक प्रोबायोटिक है और यह सभी उम्र के लोगों के लिए सुरक्षित और उपयुक्त है।
हालाँकि डायरिया की रोकथाम के लिए सुरक्षात्मक कदम उठाए जा सकते हैं, लेकिन आप बच्चों को बैक्टीरिया के संपर्क में आने से नहीं रोक सकते। अगर डायरिया या डायरिया के लक्षण 2-3 दिनों से ज़्यादा समय तक बने रहते हैं, तो कृपया तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

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