आपका पाचन तंत्र एक शक्तिशाली नेटवर्क की तरह होता है जो आहार को पचाने, पोषक तत्वों को ग्रहण करने और आपके शरीर को सुचारू रूप से चलाने के लिए ज़िम्मेदार है। यह तंत्र आपके मुँह से शुरू होकर, भोजन की नली, पेट और आँतों से होते हुए, कोलन (बड़ी आँत) में समाप्त होता है। भोजन, इस तंत्र से गुज़रते हुए ऊर्जा और अपशिष्ट में परिवर्तित होता है, यहीं से आपको दैनिक गतिविधियों के लिए ऊर्जा प्राप्त होती है।

पर अकेले आपका पाचन तंत्र ही काम नहीं करता! आपके पेट में छोटे-छोटे जीवों — बैक्टीरिया, वायरस और फंगस — का एक पूरा संसार होता है, जिसे माइक्रोबायोम कहते हैं। यह "अच्छे" बैक्टीरिया आपके पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में अहम भूमिका निभाते हैं। यह भोजन को पचाने, हानिकारक बैक्टीरिया से बचाने और पेट में संतुलन को बनाए रखने में मदद करते हैं, जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए ज़रूरी है1,2। स्वस्थ माइक्रोबायोम आपके शरीर को मज़बूत बनाता है, क्योंकि जीवन में चुनौतियों का सामना कभी भी करना पड़ सकता है3

कदम-दर-कदम:
पाचन की यात्रा

मुँह: जहाँ सब कुछ शुरू होता है

खाने का निवाला मुँह में डालते ही पाचन क्रिया शुरू हो जाती है। आपके दाँत आहार को छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ते हैं, जबकि लार उसे नरम बनाकर निगलना आसान बनाती है। यह सरल क्रिया, जटिल कार्बोहाइड्रेट को तोड़ने की प्रक्रिया को भी शुरू कर देती है।

भोजन की नली: पेट में सुगम प्रवेश

जैसे ही आप खाने को निगलते हैं, वो भोजन की नली से होते हुए पेट में चला जाता है। भोजन की नली, असल में एक मांसपेशीय नलिका है जो लयबद्ध संकुचन (पेरिस्टलसिस) द्वारा भोजन को आपके पेट में धकेलती है। सरल शब्दों में, यह एक कन्वेयर बेल्ट की तरह है, जो आपके भोजन को अगले चरण यानी पेट तक पहुँचाती है।

पेट: खाना पचाना

पेट में पहुँचने पर भोजन, पेट के एसिड और पाचक एंजाइमों के साथ मिश्रित हो जाता है। यहीं पर असली काम होता है, प्रोटीन को तोड़कर भोजन को काइम नामक तरल में बदलना। आपका पेट ना सिर्फ़ भोजन को पचाता है बल्कि हानिकारक बैक्टीरिया को भी खत्म कर देता है5

छोटी आँत: पोषक तत्वों का ग्रहण

इसके बाद, काइम छोटी आँत में पहुँचता है, जहाँ मुख्य रूप से पोषक तत्वों का ग्रहण होता है। यहाँ लीवर (यकृत) में बनने वाला पित्त और पैनक्रियाज (अग्न्याशय) में बनने वाला एंजाइम - वसा, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट को छोटे- छोटे अणुओं में तोड़ने में मदद करते हैं जो शरीर के रक्तप्रवाह में ग्रहण कर लिए जाते हैं। छोटी आँत में आपके माइक्रोबायोम (लाभकारी बैक्टीरिया) का एक बड़ा हिस्सा भी रहता है — जो पाचन क्षमता और पोषक तत्वों के ग्रहण में सहायक होता है।

बड़ी आंत: पानी और अपशिष्ट

अंततः, कोई भी बचा हुआ पदार्थ जो पच नहीं पाता, बड़ी आंत (जिसे कोलन भी कहते हैं) में चला जाता है। यहीं पर पानी ग्रहण होता है, और जो बचता है वह अपशिष्ट बन जाता है। यहाँ पर भी आपका माइक्रोबायोम लगातार रेशों को तोड़ने और हानिकारक बैक्टीरिया को नियंत्रित रखने में मदद करते हुए अपनी अहम भूमिका निभाता है।

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