पेट दर्द – डायरिया का कारण
मेरेबच्चेको कुछ ना करना हो, तो पीछा छुड़ानेका उसका सबसेमनपंसद बहाना हमेशा पेट दर्द ही होता है।
होमवर्क? पेट दर्द। सोनेसेपहलेहल्दी वाला दूध? पेट दर्द। स्कूल टेस्ट का दिन? पेट दर्द। इसलिए वक़्त के
साथ, मैंनेउसकेबहाने "माँ, मेरेपेट में दर्द हो रहा है" को थोड़ा अनदेखा करना शुरूकिया। ख़ासतौर पर जब वो
छोटे-मोटेकामों को ना करनेकेमारेभी ऐसेबहानेबनाता है।
पर, कभी-कभी मैंसोच में पड़जाती हूँकि मैंनेकोई इतना भी मुश्किल काम नहीं दिया कि वो पेट दर्द का बहाना
लिए मेरेपास भागतेहुए आ जाता है।
तो, बहानेऔर सच्चाई केबीच फ़र्क कैसेकिया जाए? कुछ समय तक ध्यान देनेऔर शुरुआती दिनों मेंअपने
डॉक्टर सेलगातार सलाह लेनेकेबाद, जब मैं, अपनेबच्चेका चेहरा उतरा हुआ और दर्द केमारेउसेपेट पकड़ेहुए
देखती हूँ, तब मैं इन संकेतों पर ध्यान देती हूँ:
- बहुत ज़्यादा दर्द होना
जब किसी भी चीज सेउसका ध्यान ना भटकेऔर दर्द केमारेउसकेचेहरेपर असुविधा साफ़ नज़र आए, या जब वो रोनेलगे। - मल मेंखून आना
हम अक्सर, या तो कब्ज या फिर डायरिया होनेपर मल में ख़ून देखतेहैं। पर अगर साथ में पेट दर्द भी हो रहा हो, तो यह इंफ्लेमेटरी बाउल डिसऑर्डर पाचन तंत्र मेंसूजन( या पेट) की कोई अन्य गंभीर बीमारी की निशानी हो सकती है, ऐसेमें तुरंत डॉक्टर सेसलाह लें। - वज़न घटना
उल्टी की वजह सेमेरेबच्चेका वज़न भी कम हो रहा है। कभी-कभी ऐसा हो सकता है, पर ठीक होनेके बाद उसका वज़न फिर सेबढ़जाता है। अगर उसका वज़न लगातार घट रहा है, तो समझ लीजिए कि डॉक्टर केपास जानेका समय आ गया है। - डायरिया
बच्चोंमेंडायरिया केकारण पानी जैसा मल त्याग होता हैऔर पेट में ऐंठन रहती है, और कुछ मामलों में, शरीर में पानी की कमी भी हो सकती है। बच्चों केलिए सबसेज़्यादा सुझाए जानेवालेप्रोबायोटिक्स में सेएक है - एंटरोजर्मिना के 2 वायल, डायरिया सेनिपटनेका सबसेकारगर उपाय हैं और क्योंकि यह स्वाद-रहित, सुगंध-रहित और रंगहीन है, इसलिए मेरा बच्चा बिना आनाकानी केइसेपी लेता है। - उल्टी का रंग हरा होना
यह पेट की गंभीर बीमारी होनेया फिर ब्लोकेज का संकेत है, पेट दर्द केसाथ हरेरंग की उल्टी होना आमतौर पर चिंता का विषय है, ऐसेमें तुंरत डॉक्टर की सलाह लें।
बच्चों में पेट दर्द होना बहुत ही आम बात होती है। यह आमतौर पर पेट की समस्याओं की वजह से, उनकेगट
फ्लोरा मेंअसंतुलन का संकेत होता है।
पर जैसा कि कहतेहैं, “रोकथाम, इलाज सेबेहतर है”। नीचेकुछ जाँचे-परखेनुस्खेदिए गए हैंजिनकेद्वारा आप
अपनेबच्चेकेपेट को स्वस्थ रख सकती हैं:
- अपनेबच्चों को प्रचुर मात्रा में तरल पिलाएं और उन्हें हमेशा हाइड्रेटेड रखें
- अपनेबच्चेमेंलैक्टोज़ और ग्लूटेन की संवेदनशीलता का पता लगाएं
- उन्हें कच्चा मांस या सीफूड ना दें
- किचन को एकदम साफ़-सुथरा रखें; खाना बनानेका स्थान हमेशा साफ़ होना चाहिए
- आपकेबच्चेकेआहार में प्रोबायोटिक खाद्य पदार्थ शामिल करें, जैसे-
- अनानास
- दक्षिण भारतीय आहार जैसेइडली, डोसा, उत्तपम इत्यादि
- नैचुरल, अनस्वीटेन्ड जिंजर ऐल
- हरी मटर
- डार्क चॉकलेट (कम चीनी वाली)
- केले
- चीज़, दही और छाछ (अगर आपकेबच्चेमेंलैक्टोज़संवेदनशीलता नहीं है)
- एंटरोजर्मिना जैसी प्रोबायोटिक दवाएँ, ज़्यादातर मामलों में बहुत कारगर होती हैं क्योंकि इसमेंलैक्टोज़,
ग्लूटेन और शुगर नहीं होता।
और अब एक आखिरी मज़ेदार सलाह। आपकेपेट दर्द में एक्सपर्ट होनेकी भनक अपनेबच्चेको ना लगनेदें, वरना वो कोई नया बहाना ढूँढ लेगा और आपको नए सिरेसेदोबारा सीखना पड़जाएगा। 😉
SAIN.BCL.20.05.0886

.webp)