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जो लोग यह सोचते हैं कि बैक्टीरिया केवल खराब किस्म के होता है, उन्हें दोबारा सोचना चाहिए। हमारे पेट में बैक्टीरिया का एक इकोसिस्टम मौजूद होता है जो हमारे, विशेष रूप से आपके बच्चे के, स्वास्थ्य के लिए बहुत महत़ृवपूर्ण है। इन्हें पेट के अच्छे बैक्टीरिया कहा जाता है।
- - जो भोजन को पचाने और अवशोषित करने, और वायरस, खराब बैक्टीरिया और फंगस को मारने वाले रसायन उत्पन्न करने में हमारी मदद करता है। इस किस्म के बैक्टीरिया इम्यूनिटी भी बढ़ाते है।
- - जो प्रबंधित न किए जाने पर बीमारी की वजह बन सकते हैं। इन्हें खराब बैक्टीरिया भी कहा जाता है।
-- जो हमारे भोजन में मौजूद होते हैं। अगर GI ट्रैक्ट स्वस्थ है, तो वे कोई नुकसान पहुँचाए बिना गुज़र जाते हैं।
हमारी उम्र, स्वास्थ्य और आहार पेट के हर हिस्से में अच्छे बैक्टीरिया की मात्रा और प्रकार को प्रभावित करते हैं।
यहाँ सोचने के लिए कुछ बातें दी गई हैं। हमारी लगभग 70% इम्यूनिटी हमारे पेट पर निर्भर/से जुड़ी होती है।* इसलिए निश्चित तोर पर यह कह सकते है कि स्वस्थ अच्छे बैक्टीरिया इम्यूनिटी को बढ़ाते हैं। यही एक बहुत महत्वपूर्ण कारण है कि हमारा पेट हमेशा अच्छे स्वास्थ्य में रहना चाहिए। दरअसल पेट क्या करता है?
बेशक, हम सभी इसके बारे में जानते हैं। हमारे पेट में मौजूद सूक्ष्मजीव विभिन्न खाद्य यौगिकों (फाइबर, अमीनो एसिड, आदि) को पचाते हैं, जो फर्मेन्ट होते है, और उनसे गैस और फैटी एसिड्स उत्पन्न होते हैं, जो पेट-संबंधी कोशिकाओं के लिए पोषक तत्वों के रूप में काम करते हैं।
हमारे पेट के अच्छे बैक्टीरिया रोगजनक सूक्ष्मजीवों के विरुद्ध प्राकृतिक बचाव के रूप में बड़ी भूमिका निभाते हैं। रोगजनक सूक्ष्मजीव ऐसे टॉक्सिन उत्पन्न कर सकते हैं जिन्हें सूक्ष्मजीवों द्वारा ख़त्म/खंडित/पचाया या अवशोषित किया जा सकता है। इसे "बैरियर प्रभाव" भी कहा जाता है।.
सूक्ष्मजीव कार्बोहाइड्रेट्स और फैटी एसिड्स के अवशोषण, वसा के भंडारण तथा हमारी भूख को नियंत्रित करने में भूमिका निभाते हैं। सूक्ष्मजीविता (माइक्रोबायोटा) वैसे ही न्यूरोट्रांसमिटर्स उत्पन्न करते हैं जैसे कि मस्तिष्क करता है, और वे दिमाग और इन्टेस्टाइन के बीच संचार को प्रवाहित करता है।
एक योगदान है सबसे प्रारंभिक कल्पनीय चरण में - पैदा होने/जनम लेने की प्रक्रिया। यहाँ मातृ योनि के अच्छे बैक्टीरिया के साथ उसका संपर्क सूक्ष्मजीव रचना को प्रभावित करता है। बच्चों के लिए पेट के अच्छे बैक्टीरिया के महत्व पर जितना भी ज़ोर दिया/कहा जाए वह पर्याप्त नहीं हो सकता।
यदि जन्म सीज़ेरियन है, तो यह प्रक्रिया नहीं होती और माइक्रोफ्लोरा की रचना अलग, लैक्टोबैसिलस (एक किस्म का अच्छा बैक्टीरिया) से कम भरपूर होती है।
स्तनपान भी पेट के अच्छे बैक्टीरिया की मौजूदगी में एक भूमिका निभाता है। यह बाइफाइडोबैक्टीरिया (एक किस्म का अच्छा बैक्टीरिया) के विकास को बढ़ाता है, जिसे फार्मूला दूध/ फॉर्मूला फीडिंग/बाहर का खाना उतना नहीं बढ़ाता।
उम्र के साथ, कुछ चीज़ें आपके बच्चे में पेट के अच्छे बैक्टीरिया के संतुलन को प्रभावित करती हैं, जैसे:
पेट-संबंधी संक्रमण जैसे डायरिया
कभी-कभी, वायरस या बैक्टीरिया के उत्पादन और प्रसार से जलन होती है और पेट या इन्टेस्टाइन पर असर पड़ता है।
एंटीबायोटिक चिकित्सा
एंटीबायोटिक डायरिया विशेष रूप से बच्चों में आम होता है और लगभग 20-25% मामलों में यह होने की रिपोर्ट की जाती है।
भोजन और वातावरण
भोजन में बदलाव या अस्वस्थ/अस्वास्थ्यकर आहार। मौसम में होने वाले बदलाव भी पेट के अच्छे बैक्टीरिया के संतुलन को प्रभावित करते हैं, जिससे अक्सर डायरिया और
पेट दर्दहोता है।
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फूड इन्टॉलरेन्स
मेटाबोलिक दोष एक बच्चे को भोजन को पचाने से रोकते हैं, जिसके परिणामस्वरूप सूजन, कज़ या डायरिया, पेट में दर्द होता है और पेट फूल जाता है।
दाँत निकलना
किसने सोचा होगा कि दाँत निकलना पेट के अच्छे बैक्टीरिया को अस्त-व्यस्त कर सकता है? भरपूर मात्रा में लार निकलने, मसूड़ों में सूजन और लाली, बेचैनी और भूख ना लगने के साथ-साथ, दाँत निकलने के साथ थोड़ा बुखार या डायरिया भी हो सकता है।
स्रोत:: * https://www.enterogermina.it/intestino/flora-batterica