पाचन समस्याओंकेबारेमेंसमझना

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एक माँहोना आसान नहीं होता। बच्चेजितनेप्यारेनज़र आतेहैं, वो उतना ही हंगामा भी खड़ा कर सकतेहैं। और मेरे  
जुड़वाँबच्चेकुछ अलग नहीं हैं।

एक समय पर, एक बच्चेकी ज़िम्मेदारी उठाना पहलेसेही कठिन होता है - उनका डायपर बदलना, उन पर नज़र  
रखना कि कहीं वो कोई चीज निगल ना लें, समय-समय पर स्तनपान कराना और  
जैसे-जैसेवह बड़ेहोतेहैं, उन्हेंअनहैल्दी स्ट्रीट फूड सेदूर रखना और उन्हेंज़बरदस्ती हरी सब्जियां व फल  
खिलाना... सूची बहुत लंबी है। 

अब सोचें कि यह सब कुछ अगर एक ही समय पर दो बच्चों केलिए करना पड़जाए तो। क्यों थक जाएंगेना?  

पर आप ऐसेही हार नहीं मान सकते। बच्चों की इम्युनिटी बड़ों केमुकाबलेपहलेसेही कम होती हैऔर उनमें पाचन संबंधी समस्याओंऔर पेट ख़राब होनेकी संभावना ज़्यादा रहती हैक्योंकि फिलहाल यह पता लगाना बहुत मुश्किल होता हैकि उनका पेट क्या पचा सकता हैऔर क्या नहीं। पेट में दर्द केकारण जब आप अपनेनन्हे-मुन्नों को बिलबिलातेहुए देखतेहैं, तो आपका दिल टूट जाता है। और इसकी वजह का पता ना लग पानेकेकारण आप काफी असहाय महसूस करतेहैं।

इसीलिए, मैंने पाचन संबंधी समस्याओं पर रिसर्च करने का तय किया, डॉक्टरों से इस बारे में बात की और कुछ विशेष आहार खाने के बाद अपने बच्चे के व्यवहार और आदतों पर ध्यान केन्द्रित किया। मैंने पाया कि बच्चों में सबसे आम लक्षण हैं - वज़न घटना, उल्टी और डायरिया।

अब इन लक्षणों का कारण निम्नलिखित स्थितियाँ भी हो सकती हैं:

1. सीलिएक रोग

सीलिएक रोग में आपका पाचन तंत्र जीवन भर ग्लूटेन को पचाने में असमर्थ रहता है – गेहूँ, जौ, राई और कुछ प्रकार के ओट्स में ग्लूटेन पाया जाता है। ग्लूटेन के सेवन से पेट में दर्द, सूजन या मल सख्त हो जाता है।

2. लैक्टोज़ संवेदनशीलता

इस स्थिति के कारण बच्चे का शरीर लैक्टोज़ (दूध में प्राकृतिक रूप से पाई जाने वाली चीनी) को पचा या ग्रहण नहीं कर पाता और डेयरी उत्पाद खाने के बाद डायरिया, पेट में ऐंठन और गैस जैसे लक्षण सामने आते हैं।

3. फूड एलर्जी

आपके बच्चे का इम्यून सिस्टम कुछ खाने-पीने की चीजों को ख़तरनाक समझकर नकार देता है जिससे उनके शरीर पर बुरा असर पड़ सकता है। हालाँकि अंडे, दूध और मूंगफली फूड एलर्जी के सबसे आम कारण हैं, लेकिन अलग-अलग बच्चों में यह कारक अलग-अलग हो सकते हैं। बेहतर होगा कि आप इस बारे में अपने डॉक्टर से सलाह लें।

4. इन्फ्लेमेटरी बाउल डिजीज़

यह रोग पाचन तंत्र में सूजन की वजह से होता है और इसके लक्षणों में दस्त, मल में ख़ून आना और पेट दर्द शामिल हो सकते हैं।

पर चिंता ना करें, मॉम्स! पाचन समस्याओं के कुछ कारण और लक्षण चिंताजनक लग सकते हैं और डॉक्टर से सलाह लेना भी ज़रूरी होता है। पर कुल मिलाकर, एक माँ के लिए यह ज़रूरी है कि वह अपने बच्चों को प्रोबायोटिक युक्त आहार दे क्योंकि इससे पेट की आम समस्याओं को दूर किया जा सकता है।

आपने पूछा, प्रोबायोटिक्स क्या हैं?

प्रोबायोटिक्स "अच्छे बैक्टीरिया" होते हैं जो हमारे बच्चों की इम्युनिटी बढ़ाने, पाचन शक्ति को बेहतर बनाने और पेट को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।

मैं अपने बच्चों को ऐसे आहार देने की कोशिश करती हूँ जिनमें प्राकृतिक रूप से प्रोबायोटिक्स होते हैं जैसे इडली, डोसा, केला, अनानास और किमची।

इसके अलावा, मैं एंटरोजर्मिना की मदद लेती हूँ – यह डायरिया और पेट के स्वास्थ्य के लिए एक स्वाद-रहित, रंगहीन और सुगंध-रहित प्रोबायोटिक है। सबसे बढ़िया बात तो यह कि मेरे नख़रेबाज़ बच्चे भी इसे बड़े चाव से पीते हैं।

तो हुई ना दोनों के लिए, फ़ायदे वाली बात! 😉

SAIN.BCL.20.05.0886

Enterogermina – Diarrhoea Medicine