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उसके पेट की सभी समस्याओं में मेरा भरोसेमंद साथी

वह परिवार में पहली शादी थी जिसके समारोह में हम अपने बच्चों के साथ शामिल हो रहे थे, हम बेहद उत्साहित थे! क्योंकि अमोघ और अथर्व के बीच 2 साल का ही अंतर है इसलिए यह स्पष्ट था कि पिछले 3 साल से हम छुट्टियों पर नहीं गए थे। इसलिए यह छुट्टियों और पारिवारिक समारोह का मेल था।

चूँकि शादी असम में एक दूर-दराज़ की जगह पर थी, हम इस सफ़र के लिए हर ज़रूरी चीज़ के साथ अच्छी तरह से तैयार थे। हमारी यात्रा का एक हिस्सा ट्रेन और एक हिस्सा फ़्लाइट से किया जाना था।

इसलिए जब वह ख़ास दिन आ गया, हमने अपने साथ ले जाने वाला हर सामान फिर से चेक किया, अतिरिक्त कपड़े, अतिरिक्त भोजन, पानी तथा बच्चों और हमारे लिए आम दवाइयाँ।

फ़्लाइट से शुरुआती सफ़र के बाद, हम ट्रेन से हमारी मंजिल के लिए रवाना हुए और चाय बागान पहुँचे। वह जगह खूबसूरत, शांत और आलीशान थी।

चूँकि रात पहले ही हो चुकी थी और हम थके हुए थे, हमने आस-पास कुछ ज़्यादा नहीं देखा और अपने रिश्तेदारों से मिलने के बाद सो गए, लेकिन अथर्व के रोने पर हम जाग गए। जैसे ही हमने लाइट ऑन की और उसे बिठाया, उसने उल्टी कर दी। उल्टी करने के बाद ज़्यादा मल त्याग होने लगा - पानी जैसा पतला और बार-बार। लगातार दस्त की वजह से जल्दी ही वह बुरी तरह रोने लगा। इससे हमारा बड़ा बेटा जाग गया और कमरे में फैली बदबू की वजह से वह भी उल्टी करने लगा। कुल मिलाकर, वह हमारे लिए एक भयानक रात थी।

आम तौर पर चाय के बागान कस्बे से दूर होते हैं, और यह कहने की ज़रूरत नहीं है कि, हम एक ऐसी जगह पर थे जहाँ तत्काल चिकित्सा का कोई साधन उपलब्ध नहीं था। हमारे पास बुखार और उल्टियों के लिए आम दवाइयाँ थीं लेकिन हम ऐसी किसी स्थिति के लिए तैयार नहीं थे। चूँकि अथर्व को कुछ हद तक स्तनपान कराया जाता था, हमें लगा उसकी इम्यूनिटी ज़्यादा थी। थोड़े रिफ्लक्स (खाना/दूध गले से ऊपर आना) के अलावा उसे कभी भी कोई परेशानी नहीं हुई थी।

हम बहुत ज़्यादा घबरा गए। उसका रोना बहुत दर्दभरा था।

अचानक किसी ने दरवाज़ा खटखटाया। वह मेरी कज़न नीना थी जो अथर्व के रोने की आवाज़ें सुनकर आई थी।

वह भी अपने पति और 8 साल की बेटी के साथ शादी के समारोह के लिए वहाँ आई हुई थी। वह अपने कमरे में गई और अपनी दवाइयों की किट ले आई।

उस रात वह हमारे लिए एक फ़रिश्ता बनकर आई थी। उसने अथर्व को पीने के लिए Enterogermina की एक छोटी-शीशी दी और सुबह तक वह ठीक हो गया। सुबह हम कस्बे में डॉक्टर को दिखाने के लिए गए।

आज उस भयानक दिन के बाद लगभग 4 साल बीत चुके हैं लेकिन वह याद आज भी ताज़ा है। मैं सचमुच उम्मीद करती हूँ कि किसी को भी वह सब झेलना न पड़े।

हमें अब भी डॉक्टर के साथ हुई मुलाकात और उस रात के अनुभव के बारे में हुई लंबी चर्चा याद है। वह मुस्कुराए और हमें तसल्ली दी कि, हम चाहे कितने ही सावधान क्यों न हों, ख़ास तौर पर लंबी ट्रेन यात्रा के दौरान, बच्चों के साथ ऐसी समस्याएं पेश आना आम है। उन्होंने Enterogermina की खाली छोटी-शीशी पर भी नज़र डाली जो बीती रात हमने अथर्व को दी थी। उन्होंने अन्य दवाइयों के साथ-साथ वही छोटी-शीशी फिर से लिखकर दी। हमारी चिंता को भांपते हुए उन्होंने यह सुझाव भी दिया कि हम उसे अपनी प्राथमिक दवाइयों की किट में रखें क्योंकि वह शिशुओं को पेश आने वाली पेट की आम तकलीफ़ों में आराम पहुँचाने में मदद करती है।

यहाँ मैं शिशुओं और बच्चों को पेश आने वाली कुछ सामान्य डाइजेस्टिव और पेट की समस्याएंऔर उन पर काबू पाने के तरीके शेयर कर रही हूँ:

1. डायरिया:स्तनपान करने वाले कुछ बच्चों के लिए दिन में कई बार मल त्याग करना आम है। बच्चों के लिए लगातार कई दिनों तक मल त्याग न करना भी सामान्य है। हालाँकि, अगर आप अपने बच्चे के मल में कोई भी असामान्य पैटर्न देखते हैं, तो सतर्क रहना आवश्यक है। अगर बच्चा ,पेट में मरोड़ के साथ या उसके बिना,दिन में कई बार पानी जैसा पतला मल त्याग करता है,तो वह डायरियाहो सकता है। डायरिया एक ऐसी स्थिति है जिसके लिए तुरंत चिकित्सीय उपचार की ज़रूरत होती है क्योंकि उसके कारण गंभीर डीहाइड्रेशन हो सकता है, जो शिशुओं के लिए घातक है। जैसे मैंने बताया, मेरे साथ घटना तब हुई जब मेरा बेटा 2 साल का था। वह डायरिया का मामला था जो शायद सफ़र करने के दौरान शुरु हुआ था। मेरी कज़न ने तुरंत अपनी Enterogermina की छोटी-शीशी दी थी, जो मूल रूप से पेट में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ाती है। यह फर्मेन्ट किए गए खाद्य पदार्थों, जैसे योगर्ट, में भी पाया जाता है। साथ ही, यात्रा के दौरान साफ़-सफ़ाई को कायम रखें और बच्चे को गंदे हाथों/उंगली को मुँह में ले जाने से रोकें। सैनिटाइज़र/वेट वाइप्स इस्तेमाल करना भी बच्चे के आस-पास सफ़ाई सुनिश्चित करेगा।

2. कॉलिक:कॉलिक शायद शिशुओं को सबसे ज़्यादा पेश आने वाली पेट की परेशानियों में से एक है। यह 6 महीने से कम आयु के शिशुओं में अधिक प्रचलित है। गैस द्वारा पेट में मरोड़ बनना इसका सामान्य कारण है।

3. उल्टी आना: डकार के साथ थूकना या अपने आप दूध बाहर आना शिशुओं में काफी आम है। हालाँकि, अगर बहुत ज़ोर से या ज़बरदस्ती उल्टी होती है, तो उसे चिकित्सीय उपचार की ज़रूरत है। अगर उल्टी का रंग हरा या लाल है तो तुरंत चिकित्सीय उपचार प्राप्त करें।

4. रिफ्लक्स (खाना/दूध का गले से ऊपर आना): उल्टी होने, जो ज़ोर से निकलती है, के विपरीत, कुछ शिशु हमेशा डकार लेते हुए या दूध पिलाने के बीच दूध बाहर फेंकते हैं। इसका मुख्य कारण यह है कि पेट और भोजन-नली के बीच मांसपेशी मज़बूत नहीं होती।

5. कब्ज़: जिन शिशुओं को स्तनपान कराया जाता है, उनके द्वारा कुछ दिनों तक मल त्याग न करना सामान्य है। हालाँकि, अगर बच्चा अशांत है या उसे लगातार कब्ज़ हो रही है, तो बच्चा बेचैनी महसूस कर सकता है और उसके पेट में दर्द भी हो सकता है। एक बार जब बच्चा भोजन खाना शुरू कर देता है, तब उसके भोजन में फाइबर को शामिल करके और उसके द्वारा पीने के लिए पानी की मात्रा को बढ़ाकर इस परेशानी को कम किया जा सकता है।

My मेरे पीडियाट्रिशन  हमेशा कहते हैं कि माँओं को बहुत ज़्यादा चिंता होती है। भले ही ये संक्रमण बच्चों में बेहतर इम्यूनिटी विकसित करने में मदद करते हैं लेकिन एक माँ होने के नाते, मैं हर जगह और हर संभव स्थिति में उसकी सहूलियत सुनिश्चित करती हूँ।

कंटेंट इनके सौजन्य से: प्रियम शर्मा, www.momspresso.com

Enterogermina - Diarrhoea Medicine