बच्चों में पेट दर्द और बेचैनी

बच्चों में पेट दर्द और बेचैनी कई रूप ले सकती है, जो पेट ख़राब होने का संकेत देते हैं। पेट में हल्का-फुल्का दर्द हो, फूलन हो या कोई गंभीर समस्या हो, इन संकेतों को समझना ज़रूरी है। पेट दर्द के प्रकार और कारणों को पहचानने के द्वारा माता-पिता इसे नियंत्रित करने के सही कदम उठा सकते हैं और भविष्य में ऐसी समस्याओं से निजात पा सकते हैं।

पेद दर्द और बेचैनी को पहचानना

पेट दर्द, कई प्रकार का हो सकता है, हर प्रकार के दर्द का कारण अलग होता है जिसके लिए ख़ास देखभाल ज़रूरी है। लक्षणों को पहचानना और सटीक निदान के लिए डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक है:

एक ही जगह पर दर्द:

किसी विशेष अंग, जैसे पेट या अपेंडिक्स में समस्या की वज़ह से अक्सर एक ही जगह पर दर्द होता है1

ऐंठन:

पेट में ऐंठन आमतौर पर पेट में फूलन या शौच की आदतों में बदलाव से होती है। ऐंठन में दर्द अचानक कभी भी हो सकता है2

तीव्र दर्द:

गैस्ट्रोएंटेराइटिस या आंत्र रुकावट जैसी स्थितियों की वज़ह से अक्सर पेट में तीव्र ऐंठन होती है3

बच्चों में पेट दर्द के कारण

बच्चों में पेट दर्द के कई कारण हो सकते हैं, इन कारणों का पता लगाना राहत पाने की दिशा में पहला कदम है:

गैस्ट्रोएंटेराइटिस: अक्सर वायरल या बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण होता है, जिससे उल्टी, डायरिया और पेट में ऐंठन होती है4

कब्ज़: मल त्याग में कठिनाई के कारण पेट में दर्द या फूलन हो सकती है। ऐसा अक्सर फाइबर युक्त आहार और तरल पदार्थ के सेवन में कमी के कारण होता है5

विशेष आहार ना पचा पाना या एलर्जी: कुछ आहारों की वज़ह से एलर्जी होती है जिससे पेट में दर्द और फूलन की शिकायत आती है जैसे लैक्टोज या ग्लूटेन ना पचा पाना6

लगातार पेट दर्द: बिना किसी चिकित्सीय कारण के बार-बार होने वाला पेट दर्द अक्सर तनाव या चिंता से संबंधित होता है7

उन्हें वापस ठीक कैसे किया जाए

पेट दर्द, बच्चे के दैनिक जीवन को अस्त-व्यस्त कर सकता है। दर्द से राहत के कुछ सरल उपाय यहाँ दिए गए हैं:

गरमाहट

गर्म सेक या हीटिंग पैड से मांसपेशियों को आराम मिलता है और ऐंठन कम हो जाती है1

सौम्य आहार

आसानी से पचाने योग्य आहार जैसे केला, चावल और टोस्ट दें। भारी, मसालेदार या तला हुआ, चिकनाई वाले आहार से लक्षण बिगड़ सकते हैं।

प्रोबायोटिक्स दें

अच्छी क्वॉविटी का प्रोबायोटिक, पेट में बैक्टीरिया के संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है और दर्द व बेचैनी के एहसास को कम करता है8

हाइड्रेटेड रहें

ख़ासतौर पर डायरिया के दौरान, शरीर में पानी की कमी से बचने के लिए खूब पानी पीएं4

आराम

बच्चे को आराम करने दें, इससे उसके शरीर को हल्की-फुल्की पेट की समस्याओं से उभरने में मदद मिलती है9

पेट दर्द की रोकथाम के लिए मार्गदर्शिका

कुछ अच्छी आदतों को अपनाने के द्वारा, आप भविष्य में अपने बच्चे को पेट की समस्याओं से सुरक्षित रख सकते हैं:

संतुलित आहार:

पाचन में सहायक फल, सब्जियां और साबूत अनाज युक्त आहार का सेवन करें5

हाइड्रेटेड रहें:

कब्ज़ की रोकथाम के लिए सुनिश्चित करें कि बच्चा दिन भर पर्याप्त पानी पीए4

नियमित व्यायाम:

शरीरिक गतिविधि के लिए प्रोत्साहित करें, इससे पाचन क्रिया बेहतर और कब्ज़ की रोकथाम होती है5

साफ़-सफ़ाई बनाए रखना:

हानिकारक बैक्टीरिया से बचने के लिए अपने बच्चे को खाने से पहले हाथ धोने की आदत सिखाएं4

प्रोबायोटिक्स लें:

अच्छी क्वॉलिटी का प्रोबायोटिक, पेट में बैक्टीरिया के संतुलन को बनाए रखता है और ऐंठन व बेचैनी की संभावना को कम करता है8

तनाव का ख़याल रखें:

गहरी सांस लेना या योगा का अभ्यास करने से तनाव कम होता है, जो पेट दर्द का सामान्य कारण होता है9,10

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