स्कूल से बच्चों का पेट होता है ख़राब! तनाव, जर्म्स और खाने की आदतों से पाचन बिगड़ता है; तुरंत राहत के लिए उपाय जानें।
एंटीबायोटिक्स और आपका पेट:
इनसे पेट पर क्या असर पड़ता है और ऐसे में आप क्या कर सकते हैं
एंटीबायोटिक्स, इंफेक्शन से लड़ने के लिए बनी शक्तिशाली दवाईयों होती हैं, पर यह आपके गट में बैक्टीरिया के नाज़ुक संतुलन को भी आसानी से बिगाड़ सकती हैं। हालाँकि एंटीबायोटिक्स हानिकारक बैक्टीरिया पर हमला करते हैं, पर अक्सर अनजाने में यह लाभकारी बैक्टीरिया को भी ख़त्म कर देते हैं, जिससे पेट की समस्याएं सामने आती हैं। तो आगे आप जानेंगे कि एंटीबायोटिक्स आपके पेट को कैसे प्रभावित करते हैं और इलाज के दौरान और बाद में आप अपने पेट को स्वस्थ बनाए रखने के लिए क्या-क्या कर सकते हैं।
एंटीबायोटिक्स से आपके पेट पर क्या असर पड़ता है
जब आप एंटीबायोटिक्स लेते हैं, तो यह सिर्फ़ हानिकारक बैक्टीरिया को ही नहीं; बल्कि आपकी पेट में मौज़ूद लाभकारी बैक्टीरिया को भी ख़त्म कर सकते हैं। जिसके परिणाम नीचे दिए गए हैं:
पेट में बैक्टीरिया का असंतुलन
एंटीबायोटिक्स पेट में लाभकारी बैक्टीरिया की संख्या को कम कर सकते हैं, जो पाचन क्रिया और समग्र स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं1।
पाचन संबंधी समस्याओं के लक्षण
पेट में बैक्टीरिया के असंतुलन से डायरिया, पेट में फूलन और दर्द जैसे लक्षण पैदा हो सकते हैं1।
इंफेक्शन की ज़्यादा संभावना
पेट में बैक्टीरिया के असंतुलन से क्लोस्ट्रीडियम डिफिसाइल (C. diff) जैसे हानिकारक बैक्टीरिया की संख्या बढ़ सकती है, जिसके परिणामस्वरूप पाचन संबंधी समस्याएं और बढ़ जाती हैं1।
एंटीबायोटिक्स से पेट पर असर के सामान्य लक्षण
डायरिया
पेट में फूलन और गैस
बेचैनी या पेट में ऐंठन
भूख कम लगना
आप क्या कर सकते हैं?
एंटीबायोटिक्स लेते समय पेट को स्वस्थ बनाए रखने के लिए यहाँ कुछ सरल उपाय दिए गए हैं:
अपने डॉक्टर से बात करें
आपकी एंटीबायोटिक्स की प्रीस्क्रिप्शन और पेट के स्वास्थ्य से संबंधित किसी भी समस्या के बारे में हमेशा अपने डॉक्टर से बात करें।
प्रोबायोटिक्स लें
इलाज के दौरान एंटीबायोटिक्स लेते समय और बाद में, प्रोबायोटिक्स लेने से आपके पेट में लाभकारी बैक्टीरिया के संतुलन को बनाए रखने में मदद मिलती है2।
हाइड्रेटेड रहें
खूब पानी पीने से शरीर में से विष यानी टॉक्सिन्स को बाहर निकालने और आपकी पाचन प्रणाली को सुचारू रूप से कार्य करने में मदद मिलती है।
संतुलित आहार खाएं
पेट को स्वस्थ रखने के लिए फल, सब्जियाँ, अनाज और फाइबर युक्त आहार का सेवन करें। यह आहार, पेट में लाभकारी बैक्टीरिया को पोषण देते हैं और पाचन शक्ति को बेहतर बनाते हैं।
अनावश्यक एंटीबायोटिक्स ना लें
आपके पेट में लाभकारी बैक्टीरिया के संतुलन को बनाए रखने के लिए केवल आपके डॉक्टर द्वारा सुझाई एंटीबायोटिक्स लें।
एंटीबायोटिक्स, इंफेक्शन के इलाज के लिए ज़रूरी होते हैं, पर यह आपके पेट के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर डाल सकते हैं। प्रोबायोटिक्स व संतुलित आहार का सेवन और पर्याप्त पानी पीना जैसे व्यवहारिक कदम उठाकर आप इनके असर को कम कर सकते हैं। याद रखें, इलाज के दौरान, एंटीबायोटिक्स लेते समय और बाद में अपने पेट का ख़याल रखना, पाचन क्षमता को स्वस्थ बनाए रखने की कुंजी है।
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A- Lahiri K et al. Bacillus clausii As An Adjuvant Therapy In Acute Childhood Diarrhoea. IOSR Journal of Dental and Medical Sciences (IOSR-JDMS) 2015;14:74-76.
B- Giua et al (2024). A Prospective Real-World Study of Bacillus clausii Evaluating Use, Treatment Habits and Patient Satisfaction in Italian Community Pharmacies: The PEGASO Study. Drugs - Real World Outcomes (2024) 11:137–147.
C- Ghelardi et al (2015). Survival and persistence of Bacillus clausii in the human gastrointestinal tract following oral administration as spore-based probiotic formulation. Journal of Applied Microbiology 119, 552-559.
D- Castro et al (2019). Bacillus clausii as adjunctive treatment for acute community-acquired diarrhea among Filipino children: a large-scale, multicenter, open-label study (CODDLE). Tropical Diseases, Travel Medicine and Vaccines 5:14.
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