सफ़र से पेट बिगड़ जाता है! जानें कैसे जेट लैग, नया खाना और पानी की कमी पाचन को ख़राब करते हैं, और पेट को ठीक रखने के लिए सरल उपाय क्या हैं।
वापस स्कूल जाना और पेट का स्वास्थ्य:
स्कूल जाने से पेट की समस्याएं क्यों
जब बच्चे स्कूल वापस जाते हैं, तब उन्हें ना सिर्फ़ नई क्लास और रूटीन के हिसाब से एडजस्ट करना पड़ता है - बल्कि उन्हे पेट से जुड़ी समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है। माहौल बदलना, जर्म्स के संपर्क में आना और स्कूली दिनों का तनाव, इन सभी की वज़ह से बच्चों में पेट से जुड़ी समस्याओं की संभावना बढ़ जाती है। इन चुनौतियों को समझने से आप बच्चे के भागदौड़ भरे इन दिनों के दौरान उनके पेट को स्वस्थ और सुरक्षित रखने में मदद कर सकते हैं।
स्कूल जाने से पेट के स्वास्थ्य पर क्या असर पड़ता है
स्कूल से आपके बच्चे के पेट के स्वास्थ्य पर असर के मुख़्य कारण:
जर्म्स तेज़ी से फ़ैलते हैं
क्लासरूम जर्म्स से भरे हुए होते हैं, जिससे पेट में कीड़े और पाचन संबंधित समस्याएं पैदा हो सकती हैं1।
तनाव
नई टीचर, नए-नए दोस्त, और होमवर्क के प्रेशर से भी तनाव होता है, जिससे बच्चे की पाचन क्रिया पर बुरा प्रभाव पड़ता है1।
खाने-पीने की बुरी आदतें
बच्चे स्कूल में चीनी युक्त स्नैक्स या प्रोसेस्ड आहार खा लेते हैं, नतीजन उनका पेट ख़राब हो जाता है2।
जल्दीबाजी में खाना
भागदौड़ भरे स्कूली दिनों में, बच्चे जल्दबाजी में नाश्ता करते हैं या फिर नाश्ता मिस कर देते हैं, जिससे पेट पर जोर पड़ता है।
पेट की समस्याओं के आम लक्षण
पेट में दर्द या ऐंठन
बेचैनी
डायरिया या कब्ज़
फूलन
आप क्या कर सकते हैं?
स्कूल वापस जाने के सीज़न में अपने बच्चे के पेट को सुरक्षित रखने के कुछ तरीके यहाँ दिए गए हैं:
साफ़-सफ़ाई को बढ़ावा दें
जर्म्स से बचने के लिए अपने बच्चे को बार-बार हाथ धोने के लिए कहें, ख़ासतौर पर खाने से पहले1।
तनाव का ख़याल रखें
स्कूल संबंधित तनाव से निपटने में अपने बच्चे की मदद करें, उनकी शिकायतें सुनें और आराम करने के लिए प्रोत्साहित करें1।
उन्हें हाइड्रेटेड रखें
दिन भर पर्याप्त पानी पीने के लिए बच्चे को प्रोत्साहित करें, इससे पाचन क्षमता बेहतर बनी रहती है।
अच्छी क्वॉलिटी का प्रोबायोटिक चुनें
प्रोबायोटिक्स पेट को स्वस्थ बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सर्वोत्तम परिणाम के लिए, अच्छी क्वॉलिटी और वैज्ञानिक रूप से जाँचा-परखा प्रोबायोटिक चुनें2।
स्कूल का माहौल ना सिर्फ़ मानसिक चुनौतियाँ, बल्कि पेट की समस्याएं जैसी शारीरिक चुनौतियाँ भी लाता है। स्वच्छता, संतुलित आहार और तनाव का ख़याल रखते हुए अपने बच्चे को स्वस्थ रहने में मदद करने से, आप उसे एक मज़बूत और स्वस्थ स्कूली वर्ष के लिए तैयार कर रहे हैं — क्योंकि उनकी पढ़ाई और पेट की सेहत, दोनों ही महत्वपूर्ण हैं।
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B- Giua et al (2024). A Prospective Real-World Study of Bacillus clausii Evaluating Use, Treatment Habits and Patient Satisfaction in Italian Community Pharmacies: The PEGASO Study. Drugs - Real World Outcomes (2024) 11:137–147.
C- Ghelardi et al (2015). Survival and persistence of Bacillus clausii in the human gastrointestinal tract following oral administration as spore-based probiotic formulation. Journal of Applied Microbiology 119, 552-559.
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