स्कूल से बच्चों का पेट होता है ख़राब! तनाव, जर्म्स और खाने की आदतों से पाचन बिगड़ता है; तुरंत राहत के लिए उपाय जानें।
बाहर का खाना और पेट का स्वास्थ्य:
बाहर का खाना खाने से पेट पर क्या असर पड़ता है और ऐसे में आप क्या कर सकते हैं
बाहर का खाना मज़ेदार तो होता है, पर यह अक्सर पेट ख़राब कर देता है। तरह-तरह के व्यंजनों में से चुनना और खाने-पीने का माहौल, आपकी पाचन क्रिया पर प्रभाव डालते हैं। इन बातों को ध्यान में रखने से आप स्मार्ट फ़ैसले ले पाएंगे और बाहर के खाने का खुल के आनंद उठा सकेंगे।
बाहर के खाने से पेट क्यों ख़राब हो सकता है
सामग्री को लेकर उलझन
रेस्तरां अपने व्यंजनों को तैयार करने में अतिरिक्त चीनी, अस्वस्थ वसा और एडिटिव्स का इस्तेमाल करते हैं जो आपके पेट को नुकसान पहुँचा सकते हैं। अगर आपको पूरी सामग्री की जानकारी नहीं है, तो हो सकता है कि आप पेट के लिए हानिकारक चीज़ें ही खा रहे हों।
भारी खाना
कई रेस्तरां के मेनू में भारी, प्रोसेस्ड व्यंजन होते हैं जो पेट में बैक्टीरिया के संतुलन को बिगाड़ सकते हैं, ख़ासतौर उन लोगों को ज़्यादा समस्या होती है जिनकी पाचन क्षमता कमज़ोर होती है।
खाने की मात्रा पर नियंत्रण
रेस्तरां में परोसे जाने वाले खाने की मात्रा आमतौर पर सामान्य से ज़्यादा होती है। ज़्यादा खाने से आपके पाचन तंत्र पर जोर पड़ता है, जिससे बेचैनी और पेट में फूलन की समस्या हो सकती है3,4।
ध्यान भटकाना:
ज़्यादा लोगों के बीच आप अक्सर जल्दीबाज़ी में खाते हैं, जिससे आपके शरीर को भूख के संकेतों को सुनने में कठिनाई होती है, परिणामस्वरूप आप ज़्यादा खा लेते हैं7,8.
पेट में समस्या के सामान्य लक्षण
पेट में फूलन या गैस
पेट में ऐंठन
बेचैनी या बदहज़मी
अनियमित मल त्याग
आप क्या कर सकते हैं?
समझदारी से चुनें
ऐसे रेस्तरां का चयन करें जो अपने व्यंजनों में ताज़ी, पौष्टिक सामग्रियाँ इस्तेमाल करते हैं। सेहतमंद आहार विकल्पों के लिए मेनू पर नज़र डालें1,5।
आराम से खाएं
धीरे-धीरे खाएं और हर निवाले का आनंद लें। इससे आपके शरीर को पेट के भरे होने के संकेत मिल जाएंगे और आप नियंत्रण में रह कर खाएंगे8,9।
स्मार्ट विकल्प चुनें
तले हुए आहार की बजाय ग्रिल्ड, बेक्ड या स्टीम्ड व्यंजन का आनंद उठाएं, और फाइबर के लिए आहार में सलाद या सब्ज़ियों को शामिल करें।
मात्रा को नियंत्रण में रखें
खाना शेयर करें या छोटे प्लेट ऑर्डर करें, इससे आप ज़्यादा खाने से बचेंगे3,6।
हाइड्रेटेड रहें
खाने से पहले और खाने के दौरान पानी पीने से पाचन क्रिया ठीक रहती है। मीठे पेय पदार्थों का सेवन कम करें, क्योंकि इनसे पाचन संबंधी समस्याएं और बढ़ सकती हैं9,10।
बाहर खाने से आपके पेट पर कोई असर नहीं पड़ना चाहिए। सोच-समझकर व्यंजन चुनने और आराम से खाने से आप अपनी पाचन क्षमता को बनाए रखते हुए खाने का खुल के आनंद ले सकते हैं। तो बाहर के खाने का आनंद उठाएं पर अपने पेट का ख़याल रखना ना भूलें!
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A- Lahiri K et al. Bacillus clausii As An Adjuvant Therapy In Acute Childhood Diarrhoea. IOSR Journal of Dental and Medical Sciences (IOSR-JDMS) 2015;14:74-76.
B- Giua et al (2024). A Prospective Real‑World Study of Bacillus clausii Evaluating Use, Treatment Habits and Patient Satisfaction in Italian Community Pharmacies: The PEGASO Study. Drugs - Real World Outcomes (2024) 11:137–147.
C- Ghelardi et al (2015). Survival and persistence of Bacillus clausii in the human gastrointestinal tract following oral administration as spore-based probiotic formulation. Journal of Applied Microbiology 119, 552-559.
D- Castro et al (2019). Bacillus clausii as adjunctive treatment for acute community-acquired diarrhea among Filipino children: a large-scale, multicenter, open-label study (CODDLE). Tropical Diseases, Travel Medicine and Vaccines 5:14.
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